नमस्कार! आप देख और पढ़ रहे हैं रिपोर्टर साहब। रिपोर्टर साहब की वेबसाइट लॉन्चिंग एक बेहद खास और एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के साथ होने जा रही है। ये इंटरव्यू है देश की राजनीति के चर्चित और पसंदीदा चेहरे सचिन पायलट का। इस इंटरव्यू में पायलट ने अपनी पसंदीदा ड्रेस से लेकर बजरी माफियाओं, लॉ एंड ऑर्डर, और RPSC विवाद पर खुलकर सरकार को घेरा। टेरिटोरियल आर्मी में अपनी भूमिका और भारत-पाक तनाव पर भी उन्होंने बेबाक राय रखी।
युवाओं को राजनीति में मौका देने की जरूरत और कांग्रेस में गुटबाजी के आरोपों पर भी सचिन पायलट ने साफ कहा — हमारी पार्टी में कोई गुट नहीं। धर्म, जाति के नाम पर समाज को बांटने वालों पर सख्त संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि देश एक बगीचा है, इसे बिखरने नहीं देंगे।
ये इंटरव्यू न सिर्फ राजस्थान बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की भी कई परतें खोलता नजर आया। इंटरव्यू में पढ़िए रिपोर्टर साहब के सवाल और सचिन पायलट के जवाब 👇
रिपोर्टर साहब- आपको "पायलट साहब" सुनना पसंद है या सचिन सर?
सचिन पायलट - इसको लेकर मैंने कभी सोचा नहीं लेकिन जो बोलने में लोगों को अच्छा लगता है, वो मुझे भी लगता है।
रिपोर्टर साहब - कुर्ता पजामा, आर्मी ड्रेस और कोट-पेंट में से आपकी फेवरेट ड्रेस कौनसी है?
सचिन पायलट - मेरी पसंदीदा ड्रेस कुर्ता पजामा है, क्योंकि कंफर्टेबल है और इतने साल से आदत पड़ गई है। ये फॉर्मल भी है और इनफॉर्मल भी है। इससे दोनों काम हो जाते हैं।
रिपोर्टर साहब - राजस्थान सरकार में किसकी चल रही है? सरकार पर कई आरोप लग रहे हैं लेकिन जवाब नहीं आ रहे हैं?
सचिन पायलट - भाजपा ने सरकार बनने से पहले बहुत सारे वादे किए थे। किसानों के मुद्दे पर, लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर, दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर और महिला अत्याचार के मुद्दे पर बहुत सारे आश्वासन भी दिए थे। केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन इन दोनों सरकारों ने जनता से जो वादे किए थे। वह पूरे नहीं किए हैं। राजस्थान में बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर फैल रही है।
राइजिंग राजस्थान के आयोजन में लाखों का इन्वेस्टमेंट, रोजगार जैसी बड़ी बड़ी घोषणाएं की ये पूरी तरह से फेल है।
सबसे बड़ा फेलियर लॉ एंड ऑर्डर में रहा है। राजस्थान में आए दिन अत्याचार और बलात्कार हो रहे हैं। माफिया और दबंग लगातार हावी हो रहे हैं। पुलिस पर अटैक कर रहे हैं। लचर कानून व्यवस्था से राजस्थान के लोगों का बहुत नुकसान हो रहा है।
रिपोर्टर साहब - राजस्थान में बजरी माफियाओं के आतंक की खबरें रोज आ रही है। जिस जगह हम बैठे हुए हैं(टोंक में)। उसके 100-150 किलोमीटर के दायरे में ऐसी घटनाएं ज्यादा हो रही है। इन बजरी माफियाओं के आतंक को रोकने का और इस व्यवस्था को सुधारने का क्या उपाय है?
सचिन पायलट - इसका एक ही उपाय है, संकल्प शक्ति। बिना विल पावर के माफिया हावी होते हैं। अवैध बजरी से जुड़े हुए ग्रुप्स पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। सरकार अक्सर लोभ-लालच या दबाव में कार्रवाई नहीं कर पाती है और जो बड़े माफिया और पैसे वाले लोग हैं। वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं। कमीशन देते हैं। सरकार के ऊपर लापरवाही के इतने बड़े आरोप लगते हैं, खुद सरकार के अंदर के लोग भी ये आरोप लगाते हैं फिर भी अधिकारी और माफिया इतने हावी है कि सरकार अवैध बजरी खनन को रोकने में नाकाम है।
रिपोर्टर साहब - आप ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रहे हैं। आपके नजरिए से गांव की असली जरूरत क्या है। सरकार को क्या करना चाहिए?
सचिन पायलट - ये देश और राजस्थान ग्रामीण परिवेश वाला प्रदेश है। इसलिए हमारी सरकार ने गांव के लोगों की मदद के लिए मनरेगा योजना की शुरुआत की थी। 100 दिन के लिए हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने की सिर्फ योजना नहीं बनाई बल्कि कानून बनाया था। लेकिन आज भाजपा सरकार ने इस कानून को लगभग खत्म कर दिया है। ग्रामीण विकास ठप्प पड़ा है। गांव के लोगों को सरकार MSP, बोनस, रोजगार और मुआवजा नहीं दे पा रही है। बीजेपी सरकार में बैठे लोगों को गांव से लेना देना नहीं है क्योंकि ये लोग मंदिर-मस्जिद और धर्म की राजनीति करके सरकार में आए हैं। लेकिन जो पीड़ा और रोजमर्रा की जो दिक्कतें हैं। उनके बारे में सरकार को मालूम होना चाहिए। इसलिए मैं यहां आया हूं।
रिपोर्टर साहब- भारत-पाकिस्तान कॉन्फ्लिक्ट के समय बतौर टेरिटोरियल आर्मी के अधिकारी के रूप में आपके मन में क्या चल रहा था?
सचिन पायलट - जिस प्रकार का आक्रमण पाकिस्तान ने पहलगाम में, उससे पहले पुलवामा, पठानकोट और उरी में किया। पाकिस्तान से लगातार आतंकवादी भेज कर हमारे सैनिकों और निर्दोष नागरिकों को मारा गया। उसके लिए पाकिस्तान को जवाब देना ही था।
इससे बड़ी दरिंदगी क्या हो सकती है कि 26 सैलानियों को नाम पूछ-पूछ कर उनके बीवी-बच्चों के सामने मौत के घाट उतार दिया गया। आतंकवादियों ने जो किया। इसके लिए तो उनको पकड़ कर फांसी पर लटका देना चाहिए। लेकिन वो चारों आतंकवादी कहां है। जिन्होंने इतना बड़ा हमला किया। इसकी खबर हमको नहीं है लेकिन यह पाकिस्तान के समर्थन से हुआ था।
भारत के सैनिकों ने जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया, आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। उसको हम सलाम करते हैं। हर भारतीय के मन में यह भाव था कि हमारे आपस में मतभेद हो सकते हैं लेकिन पाकिस्तान को जवाब देने के लिए, दुनिया को दिखाने के लिए पूरा भारत एक है।
भारतीय सेना ने जो जवाबी कार्रवाई की उसका कोई सानी नहीं है लेकिन जिस तरह से युद्ध विराम हुआ। इसकी घोषणा डोनाल्ड ट्रंप कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने दोनों देशों को व्यापार का लालच दिखाकर युद्ध विराम करवा दिया। इसकी घोषणा यह असहनीय है। इसको कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता और अगर यह बात गलत थी तो देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को बोलना चाहिए था कि अमेरिका का राष्ट्रपति गलत बोल रहा है। डोनाल्ड ट्रंप 11 बार बोल चुका है कि मैंने भारत-पाकिस्तान को व्यापार का भय और लालच दिखाकर सीजफायर करवाया। सीजफायर करवाने के 6 घंटे बाद पाकिस्तान ने फिर से LOC पर बमबारी कर दी।
उस मुल्क का क्या भरोसा है, जिसने कुछ घंटे बाद ही सीजफायर का वायलेशन कर दिया। जिसकी वजह से बॉर्डर एरिया में रहने वाले कई लोग मारे गए। देश में किस आधार पर युद्ध विराम किया गया । इसका भी खुलासा होना चाहिए।
रिपोर्टर साहब - युद्ध विराम के बाद यह देखने को मिला कि नरेंद्र मोदी देश के कई हिस्सों में गए। जहां उन्होंने कहा कि "मेरी रगों में खून नहीं बल्कि सिंदूर बह रहा है", "कड़ा जवाब दिया जाएगा", "ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है" आपको क्या लगता है? क्या यह सिर्फ बातें रह गई है या अभी और कुछ होना बाकी है?
सचिन पायलट - जो भी होगा हमारी सेना करेगी। हमारी आर्मी, नेवी और एयरफोर्स सक्षम है। दुनिया में हमारी जैसी कोई फौज नहीं है क्योंकि मैं खुद आर्मी का हिस्सा हूं।
सरकार किसी की हो, सत्ता में कोई हो। हमारा सैनिक सरहद पर किसी धर्म, जाति, गांव और प्रदेश के लिए नहीं बल्कि भारत माता के लिए लड़ रहा है। लेकिन सेना की आड़ में लोगों के जज्बातों से खेल कर वोट लेना। इसको मैं गलत मानता हूं।
बॉर्डर पार करके पाकिस्तान में जाकर भारतीय सेना ने पहले भी कार्रवाई की है। मनमोहन सिंह की सरकार में अनेकों बार ऐसा हुआ है लेकिन ऐसी कार्यवाइयों की पब्लिसिटी करने में साफ राजनीति दिखाई देती है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकता और अखंडता के लिए पूरा भारत एक था और एक है लेकिन जहां तक बीजेपी की बात है, पीएम मोदी की बात है। वह इस घटनाक्रम का फायदा उठाना चाहते हैं। यह साफ दिख रहा है।
रिपोर्टर साहब - किसी युवा को नेता बनाने के लिए आप क्या प्रोसेस अपनाते हैं। युवाओं में वो क्या काबिलियत होना चाहिए जिससे वो सांसद और विधायक बन सके?
सचिन पायलट- MLA-MP जनता बनाती है। जो मेहनती है। जमीन पर काम करता है। उसको मौका देने का काम हम लोगों को करना चाहिए। मुझे पार्टी ने सांसद बनाकर उस वक्त मौका दिया था। जब मैं 26 साल का था। इसलिए मेरा दायित्व बनता है, यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं मेरे से कम उम्र के लोगों को बराबर का मौका दूं। अगर मैं ही सब कुछ खींच कर बैठ जाऊंगा, राजनीतिक दरवाजे नहीं खोलूंगा तो जो मुझे मौका मिला। इसका मतलब मैं उसका दुरुपयोग कर रहा हूं। मैं खुद तो कम उम्र में बन गया और दूसरों के लिए दरवाजे बंद करके बैठ जाऊं तो यह एहसान फरामोशी है।
इसलिए मैं जहां जाता हूं। युवाओं को मौका देता हूं।
इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा नहीं है कि हमारे जो अनुभवी नेता हैं। उनको हम दरकिनार कर दें लेकिन जो नए लोग हैं, पढ़े लिखे हैं, इच्छा शक्ति है, मन में कुछ करने की भावना है, कर्मठ है, मेहनती है, पब्लिक में भी अच्छी इमेज है। उन लोगों को मौका मिलना चाहिए। मौका देने के बाद पब्लिक निर्णय करती है। कौन हारेगा, कौन जीतेगा। जो भी लोग कामयाब हुए हैं। इसका पूरा श्रेय मैं जनता को देता हूं।
रिपोर्टर साहब - जो युवा सचिन पायलट जैसा नेता बनना चाहते हैं, उनको क्या करना चाहिए? उन युवाओं को अपने अंदर क्या बदलाव लाने चाहिए कि वह आपके जैसा बन सके?
सचिन पायलट- हर व्यक्ति अलग होता है। देश के अलग-अलग कोनों में अलग-अलग राजनेता हुए हैं। सबने कुछ ना कुछ योगदान दिया है। हम उन योगदानों से सीख ले सकते हैं।
हर इंसान में कुछ बेहतर करने की क्षमता होती है। उसको पहचान कर काम करना चाहिए। मुझे लगता है कि राजनीति आसान शब्द नहीं है। संघर्ष करना पड़ता है, संतोष करना पड़ता है लेकिन अगर आप मेहनत करोगे तो पब्लिक देखती है। ग्राम पंचायत हो चाहे नगर पालिका हो। इनमें पढ़े लिखे लोग कम उम्र में सरपंच, प्रधान और जिला प्रमुख बन रहे हैं और लीडरशिप के चैलेंज को एक्सेप्ट कर रहे हैं। यह देश के लिए अच्छी बात है। चाहे वह किसी भी पार्टी के हो यह भविष्य के लिए अच्छी बात है।
रिपोर्टर साहब - राजस्थान के युवा बेरोजगार आज भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। RPSC पुनर्गठन, पेपर लीक पर रोक जैसी मांगे पहले भी थी, आज भी है। इनका कोई समाधान नहीं हो पाया है। इस पर आपका क्या स्टैंड है?
सचिन पायलट - मैंने पहले भी कहा है कि RPSC गंगोत्री है। वहां से पेपर बनते हैं, लीक होते हैं, नौकरी लगती है। अगर वहां पर भी ऐसे ही लोग बैठेंगे जो आज जेल में हवालात में बैठे हैं तो उनसे क्या उम्मीद की जाए। युवाओं के लिए सब कुछ ठीक है लेकिन जब उनकी उम्मीद टूट जाती है तो यह बड़ा चैलेंज है। नौजवान को अगर उम्मीद ही नहीं रहेगी, सिस्टम पर से उसका विश्वास ही टूट जाएगा तो देश के युवा कहां जाएंगे। मैंने बहुत पहले से कहा है कि RPSC का पुनर्गठन हो और जो मापदंड UPSC के हैं। वह यहां पर लगाए जाने चाहिए। नियुक्ति कैसे होती है, किसकी सलाह से होती है। इसकी जांच होनी चाहिए और यह बात मैं आज ही नहीं बहुत सालों से कह रहा हूं।
लोग कहते हैं कि RPSC संवैधानिक संस्था है, यह है, वह है। मैं कहता हूं कि अगर इच्छाशक्ति है तो देश में कुछ भी हो सकता है। बीजेपी के साथी जब विपक्ष में थे तब तो बहुत बातें करते थे। अब जब सरकार में आ गए हैं तो चुप बैठ गए हैं। यह बात किसी एक पार्टी की नहीं है। RPSC में 6 साल का एक फिक्स कार्यकाल होता है। लेकिन अभी अधिकांश पद खाली पड़े हैं। अध्यक्ष का पता नहीं है। तो यह RPSC एक उदाहरण है कि सिस्टम का फेलियर कहां है। इसको आईडेंटिफाई करके फिक्स करना। हम सब की जिम्मेदारी है और मैं तो शुरू से कहता आया हूं कि फिक्स करना चाहिए। इनके पास डबल इंजन की सरकार है। लेकिन इनके दोनों इंजन काम नहीं कर रहे हैं, सिर्फ धुआं फेंक रहे हैं।
रिपोर्टर साहब - राजस्थान कांग्रेस में गुट बाजी की बहुत बातें होती हैं, चाहे वो आपका गुट हो या अशोक गहलोत का। क्या अभी भी कांग्रेस में गुटबाजी है या ब्यूटीफुल कलर्स ऑफ राजस्थान की इमेज साकार हो गई है।
सचिन पायलट - हमारी पार्टी में कोई गुट नहीं है। हर व्यक्ति का अलग-अलग काम रहता है, हम सब की सामूहिक इच्छा यह रहती है कि हम पार्टी को मजबूत करें। कभी-कभी काम करने के तरीके को लेकर छोटे-मोटे मतभेद होते हैं तो उनको बैठकर सुलझा लेते हैं। हमारी पार्टी में अध्यक्ष है, नेता प्रतिपक्ष है और बाकी के नेता हैं। वह सब मिलकर काम करते हैं।
रिपोर्टर साहब - चर्चा चल रही है कि सचिन पायलट को राजस्थान की राजनीति से दूर किया जा रहा है या वो खुद दूर जा रहे हैं। आप राजस्थान की राजनीति में अपना भविष्य देखते हैं या केंद्र में?
सचिन पायलट - पार्टी के जो समर्पित कार्यकर्ता होते हैं, वह व्यक्ति को नहीं देखते हैं। मैं अपने आप को उनमें से मानता हूं। देश और प्रदेश में काम करने के लिए पार्टी जो भी आदेश देती है। वहां हम काम करते हैं। कुछ भी फिक्स नहीं होता है। पहले मैं केंद्र सरकार में था फिर राज्य में आया। पहले सांसद था, अब विधायक हूं। भविष्य में क्या होगा, नहीं पता। लेकिन मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान है। राजस्थान के लोग हैं। बाकि जिम्मेदारी जिस भी प्रदेश के दी जाती है। मैं वहां जाकर काम करता हूं और सिर्फ मैं ही नहीं सभी नेता करते हैं।
रिपोर्टर साहब - राजस्थान में बीते कुछ सालों में कभी दो धर्मों तो कभी दो जातियों में टकराव की स्थिति खड़ी की जा रही है?
सचिन पायलट - जो भी लोग धर्म, जाति और भाषा की बात कर रहे हैं। वो देश को बांटने का काम कर रहे हैं, देश को बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं। देश एक बहुत बड़ा बगीचा है। इसमें तरह-तरह के फूल हैं, खुशबू है। इसको संवारना चाहिए। जिनको कैसे भी करके सत्ता में रहना है। वो ही लोग इसे बांट रहे हैं, बिखेर रहे हैं, द्वेष और टकराव पैदा कर रहे हैं। हम लोग सबको सम्मान देते हैं। सबको बराबर देखते हैं। कांग्रेस ने 135 सालों से सबको बराबर की हिस्सेदारी दी है। किसी भी प्रांत का हो, कोई सी भाषा बोलता हो, किसी भी धर्म से हो। संविधान में हर व्यक्ति को बराबर का अधिकार दिया है। आजकल संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। मैं इसको अच्छी राजनीति नहीं मानता।